लखनऊ। कोरोना पैंडेमिक और लॉकडाउन में बढ़ी बेरोजगारी के बाद भूखमरी की नौबत ना आये इसलिए इन लोगों ने घर ही नहीं यहाँ तक कि देश छोड़ने की मन बना ली। घर परिवार को छोड़कर विदेश कमाई करने लिए नौकरी ढूंढने लगे। फिर इनको एक ऐसा लुभावना इश्तेहार दिखाई दिया जिसको देखने के बाद इनके अंदर एक उम्मीद जगी, वो उम्मीद थी भुखमरी से निजात पाने की, वो उम्मीद थी परिवार का भविष्य बेहतर बनाने की, बेरोजगारी में रोजगार पाने की। जी हाँ, दो जून की रोटी एक इंसान को किस कदर तक तोड़ देती है उसका जीता जगाता उदहारण है ये खबर।
दरअसल प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित एक ऐसी फ़र्ज़ी कंपनी ने मज़दूरों से करोड़ों लूटने का काम किया है जिसके पास ना तो कोई रजिस्ट्रेशन है ना ही कोई लाइसेंस। विदेश भेजने के नाम पर इश्तेहार निकाल कर लोगों को पहले दिग्भ्रमित करती है कथित ट्रेवल कंपनी कनेक्ट एशिया फिर हज़ारों की संख्या में अपने नवनिर्मित वेबसाइट के जरिये बायोडाटा (रिज्यूम) मंगाती है। फिर शुरू होता है लूटने का असली खेल। नौकरी देने वाली कुछ साइटों के अनुसार, अपने ऑफिस कार्य के लिए पहले टेलीकॉलर, एचआर और एकाउंटेंट पद पर कुछ लोगों को कनेक्ट एशिया में नौकरी दिया जाता है। उन्ही लोगों से मज़दूरों को यह कहकर फ़ोन करवाया जाता है कि आपका रिज्यूम सेलेक्ट हो गया है, फिर इंटरनेट कॉल द्वारा अपने सिंडिकेट से मज़दूरों को फोन पर ही फ़र्ज़ी इंटरव्यू करवाके सेलेक्ट कर लिया जाता है। उसके बाद मज़दूरों को मेडिकल के लिए लखनऊ बुलाया जाता है, और मेडिकल जांच के नाम पर 4500 रूपये वसूले जाते हैं।
विदेश की फ़र्ज़ी कंपनी की वेबसाइट बनाकर देते हैं ऑफर लेटर
सिर्फ विदेश भेजने वाली कंपनी फ़र्ज़ी नहीं होती बल्कि जिस विदेश की कंपनी का ऑफर लेटर युवकों को दिया जाता है वो भी फ़र्ज़ी होती है। जिस अल्बटरेसेस कंपनी का ऑफर लेटर कम्पनी प्रोवाइड कर रही वो भी इतने महंगे सेलरी में वो महज 3 महीने पुरानी वेबसाइट है। हु इज के अनुसार इस विदेशी कंपनी की साइट पिछले साल नवम्बर में बनाई गई है, जिसमें नौकरी देने के बदले बेरोजगार युवको से लाखो ठग लिए जाते हैं।
45 हज़ार में टूरिस्ट या फ़र्ज़ी वीजा भेजते हैं
कथित कंपनी कनेक्ट एशिया लोगों को मेडिकली फिट बताकर, फ़र्ज़ी ऑफर लेटर देकर वीजा और टिकट के लिए 45 हज़ार की मांग करती है, जिसके एवज में कंपनी की फीस, वीजा और फ्लाइट का टिकट देने की बात करती है। 45 हज़ार लेकर कंनेक्ट एशिया का रसीद दे दिया जाता है। जिसके बाद अभ्यर्थियों के मोबाइल में व्हाट्सप्प के जरिये टूरिस्ट वीजा या फ़र्ज़ी वीजा देकर भेज देती है और हमेशा अगला वक्त देकर टालमटोल करने लगती है।
Part 2 remaining…. आगे पढ़ें; पीड़ित को पत्रकार समझ बैठा कंपनी का मालिक, दिया घूस का लालच, नहीं मानने पर फोन करके धमकी