तांडव वेब सीरीज में धार्मिक और जातीय टिप्पड़ी को लेकर यूपी की पूर्व सीएम और बसपा प्रमुख मायावती ने विरोध दर्ज़ कराया है और मांग की है कि इसको वेब सीरीज से हटाया जाए। अपन ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि ’ताण्डव’ वेब सीरीज में धार्मिक व जातीय आदि भावना को आहत करने वाले कुछ दृश्यों को लेकर विरोध दर्ज किए जा रहे हैं, जिसके सम्बंध में जो भी आपत्तिजनक है उन्हें हटा दिया जाना उचित होगा ताकि देश में कहीं भी शान्ति, सौहार्द व आपसी भाईचारे का वातावरण खराब न हो।”
गौरतलब है कि ऐक्टर सैफ अली खान, डिंपल कपाड़िया, सुनील ग्रोवर, तिग्मांशु धूलिया जैसे दिग्गज कलाकारों की चर्चित वेब सीरीज ‘तांडव’ रिलीज होते ही विवादों में घिर गई, कारण है उनके एपिसोड में धार्मिक और जातीय टिप्पड़ी का सरेआम होना। आपको बता दें कि वेव सीरीज में कई अशोभनीय बातों और प्रधानमंत्री के गरिमामय पद को ग्रहण करने वाले व्यक्ति का चित्रण खराब तरीके से करने के मामले में डायरेक्टर अली अब्बास जफर, निर्देशक हिमांशु कृष्ण मेहरा, लेखक गौरव सोलंकी और अमेजन प्राइम की ओरिजनल कंटेन्ट इंडिया हेड अपर्णा पुरोहित के खिलाफ लखनऊ में रविवार देर रात एफआईआर दर्ज कराई गई है। यह एफआईआर लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली के सब इंस्पेक्टर अमरनाथ यादव की तहरीर पर लिखी गई है।
’ताण्डव’ वेब सीरीज में धार्मिक व जातीय आदि भावना को आहत करने वाले कुछ दृश्यों को लेकर विरोध दर्ज किए जा रहे हैं, जिसके सम्बंध में जो भी आपत्तिजनक है उन्हें हटा दिया जाना उचित होगा ताकि देश में कहीं भी शान्ति, सौहार्द व आपसी भाईचारे का वातावरण खराब न हो।
— Mayawati (@Mayawati) January 18, 2021
हज़रतगंज कोतवाली में तैनात सब इंस्पेक्टर अमरनाथ ने अपने एफआईआर में लिखा है कि इस वेव सीरीज के कई वीडियो सोशल मीडिया पर कई दिनों से वायरल हो रहे हैं। जिसके बाद कई अधिकारियों ने इस सीरीज को देखा और पाया गया कि सीरीज के पहले एपीसोड के 17वें मिनट में हिन्दू धर्म के देवी-देवताओं को बोलते दिखाया गया है जिसमें निम्न स्तरीय भाषा का प्रयोग किया गया है। इसी तरह एपिसोड के कई जगह पर साम्पद्रायिक भावनाओं को भड़काने वाले संवाद परोसे गए है। महिलाओं का अपमान करने जैसे कई दृश्य है। इस सीरीज की मंशा एक समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली है। लिहाजा इस सीरीज के निर्माता-निर्देशक व लेखक और अमेजन प्राइम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराना जरूरी है। इस मामले में आईपीसी की धारा 153-ए, 295, 505 एक बी, 505 टू, 469,आईअी एक्ट 66, 66 एफ, 67 के तहत मुकदमा लिखा गया है।
ब्यूरो रिपोर्ट, प्रखर पोस्ट।