लखनऊ के दूसरे कमिश्नर के रूप में कुर्सी संभालते ही डीके ठाकुर (IPS DK Thakur) ने पुलिसिंग की अपनी थ्योरी लागू करने की बात की है। उन्होंने कहा है कि हम और हमारे अधिकारी जनता की शिकायतों और समस्याओं को सुनें।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रातोंरात कमिश्नर बदल दिए गए। सुजीत पांडेय को हटाकर आईपीएस ध्रुवकांत ठाकुर को लखनऊ का नया कमिश्नर बनाया गया है। माना जा रहा है कि दिवाली से पहले जहरीली शराब पीने से 6 लोगों की मौत के मामले के बाद उत्तर प्रदेश शासन ने सुजीत पांडेय को हटाने का फैसला लिया गया। एटीएस के एडीजी रहे डीके ठाकुर 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। इससे पहले वह राजधानी लखनऊ के एसएसपी रह चुके हैं। बीएसपी चीफ मायावती के शासनकाल में ठाकुर लखनऊ के एसएसपी और डीआईजी के पद पर तैनाती पा चुके हैं। उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में भी काम किया है।
नए कमिश्नर ने थानेदारों को सख्त निर्देश देते हुए कहा है कि जनता को ये शिकायत देने का मौका न मिले कि हमने एफआईआर लिखाया पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई या पक्षपात पूर्ण कार्रवाई की गई है।
लखनऊ के नए कमिश्नर डीके ठाकुर ने कार्यभार संभालते ही थानेदारों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि थानों में पीड़ितों को सुना जाए। चाहे फोन पर या फिर सोशल मीडिया के जरिए।उन्होंने कहा कि मेरे पिछले कार्यकाल में जनता की सुनवाई होती थी और अब भी होगी एफआईआर दर्ज होने के बाद समय पर विवेचना और उसका निस्तारण हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इससे पहले जब मुझे मौका मिला था तो हमने 17 महीने में मैंने इसे लागू कराया था ये मैं अपनी उपलबिध मानता हूं।
पुलिस अधिकारियों के बीच डीके ठाकुर की अलग पहचान है। जब वह लखनऊ में तैनात थे तब लोगों की शिकायतें सुनने के लिए 10 बजे से शाम पांच बजे तक उपलब्ध रहते थे। बहरहाल अब देखना है कि कमिश्नर बनने के बाद उनकी कार्यप्रणाली कैसी रहती है।
राजधानी में अपने सवा साल से ज्यादा के कार्यकाल में उन्होंने एसएसपी रहते क्राइम तथा लॉ ऐंड ऑर्डर पर शानदार काम किया था। वह नियमित रूप से दफ्तर में बैठकर सालों से लंबित मामलों को निपटाते थे। उन्होंने राजधानी में 6 नए थानों का प्रस्ताव भी तैयार किया था। शासन से आदेश मिलने के बाद पीजीआई, गौतमपल्ली, जानकीपुरम, पारा चौकी, विभूति खंड और इंदिरानगर की स्थापना कराई थी। साथ ही उन्होंने ऐंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में भी थाने की तर्ज पर काम शुरू कराया था।
नए कमिश्नर ठीके ठाकुर के लिए लखनऊ नया नहीं है। लेकिन उनके सामने अब नई नई चुनौतियां जरूर हैं। अब देखना यह है कि इन चुनौतियों से वह कैसे निपटते हैं।